आज के युग में हर व्यक्ति अतिशीघ्र समृद्ध बनना चाहता हैं। धन प्राप्ति हेतु प्राण-प्रतिष्ठित कनकधारा यंत्र के सामने बैठकर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं। इस कनकधारा यंत्र कि पूजा अर्चना करने से ऋण और दरिद्रता से शीघ्र मुक्ति मिलती हैं। व्यापार में उन्नति होती हैं, बेरोजगार को रोजगार प्राप्ति होती हैं।
श्री आदि शंकराचार्य द्वारा कनकधारा स्तोत्र कि रचना कुछ इस प्रकार कि हैं, जिसके श्रवण एवं पठन करने से आस-पास के वायुमंडल में विशेष अलौकिक दिव्य उर्जा उत्पन्न होती हैं। ठिक उसी प्रकार से कनकधारा यंत्र अत्यंत दुर्लभ यंत्रो में से एक यंत्र हैं जिसे मां लक्ष्मी कि प्राप्ति हेतु अचूक प्रभावा शाली माना गया हैं।
कनकधारा यंत्र को विद्वानो ने स्वयंसिद्ध तथा सभी प्रकार के ऐश्वर्य प्रदान करने में समर्थ माना हैं। जगद्गुरु शंकराचार्य ने दरिद्र ब्राह्मण के घर कनकधारा स्तोत्र के पाठ से स्वर्ण वर्षा कराने का उल्लेख ग्रंथ शंकर दिग्विजय में मिलता हैं।
कनकधारा मंत्र:- ॐ वं श्रीं वं ऐं ह्रीं-श्रीं क्लीं कनक धारयै स्वाहा
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